प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुई हाई-लेवल मीटिंग में स्पष्ट संदेश दिया कि भारतीय सेना को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की पूरी स्वतंत्रता होगी।** उन्होंने कहा कि “हम सेना को खुली छूट देते हैं, कार्रवाई का टाइम और टारगेट तय करने का अधिकार उन्हें है।” यह बयान भारत की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को दर्शाता है, जहां आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं होगा।
पहलगाम हमले के बाद हुई बैठक, सेना प्रमुखों ने लिया हिस्सा
मंगलवार को प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए। 90 मिनट तक चली इस मीटिंग में निम्न बिंदुओं पर चर्चा हुई:
- पहलगाम हमले के बाद की सुरक्षा स्थिति
- आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन्स
- भविष्य की रणनीति और जवाबी कार्रवाई
प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा भरोसा जताया और कहा कि “आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।”
क्यों महत्वपूर्ण है यह बैठक?
1. सेना को मिली ऑपरेशनल फ्रीडम:
- पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि सेना अपनी रणनीति खुद तय करेगी, चाहे वह टाइमिंग हो या टारगेट।
- यह संदेश पाकिस्तान और आतंकी संगठनों के लिए एक सख्त चेतावनी है।
2. 2019 के बाद सबसे बड़ी कार्रवाई की तैयारी?
- 2019 में पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक हुई थी।
- इस बार भी भारतीय सेना बड़ी कार्रवाई की तैयारी में हो सकती है।
3. राजनाथ सिंह ने पीएम को दी जानकारी:
- रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर डिटेल्ड रिपोर्ट सौंपी।
- इसके बाद ही हाई-लेवल मीटिंग बुलाई गई।
आगे की रणनीति क्या होगी?
- सर्जिकल स्ट्राइक या टारगेटेड ऑपरेशन:
- भारत पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक (2016) और एयर स्ट्राइक (2019) कर चुका है।
- इस बार भी क्रॉस-बॉर्डर ऑपरेशन की संभावना बन रही है।
- आतंकी ठिकानों पर ड्रोन अटैक:
- ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके पाकिस्तान में छिपे आतंकियों को निशाना बनाया जा सकता है।
- कश्मीर घाटी में सुरक्षा बढ़ोतरी:
- CRPF, Army और J&K Police की संयुक्त टीमें आतंकी नेटवर्क को खत्म करने पर काम करेंगी।
निष्कर्ष: भारत अब नरमी नहीं दिखाएगा
पीएम मोदी की इस बैठक ने साफ कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं करेगा। सेना को पूरी छूट मिलने से जवाबी कार्रवाई तेज होगी। दुनिया भर में भारत की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को लेकर स्पष्ट संदेश गया है कि “आतंकवाद का जवाब सख्ती से दिया जाएगा।”
अगले कुछ दिनों में बड़ी कार्रवाई की संभावना है, जिस पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं।