भारतीय सेना को मिला पूर्ण अधिकार, आतंकवादियों को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के नाम एक ऐतिहासिक संबोधन में पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि भारत का सैन्य एक्शन सिर्फ स्थगित हुआ है, खत्म नहीं हुआ है। पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी के इस संबोधन ने पूरे देश में देशभक्ति की लहर पैदा कर दी है।
पहलगाम हमले पर पीएम मोदी का दर्द
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले पर प्रधानमंत्री ने गहरी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, “छुट्टियां मना रहे निर्दोष, मासूम नागरिकों को धर्म पूछकर उनके परिवार के सामने, उनके बच्चों के सामने बेरहमी से मार डालना, ये आतंक का बहुत वीभत्स चेहरा था। यह मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से पीड़ा बहुत बड़ी थी।”
भारतीय सेना को मिले पूर्ण अधिकार
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारतीय सशस्त्र बलों को आतंकवादियों को मार गिराने के पूर्ण अधिकार दिए गए हैं:
- सेना को मिली स्वतंत्रता से आतंकियों में खलबली
- किसी भी गलती की कीमत चुकाने के लिए तैयार है भारत
- “हमारी बेटियों-बहनों की गरिमा से खिलवाड़ नहीं बर्दाश्त” – पीएम
ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय शौर्य का प्रतीक
प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को देश की सामूहिक भावनाओं का प्रतीक बताया:
- “सिंदूर सिर्फ एक नाम नहीं, यह भारत के संकल्प की कहानी है”
- मातृशक्ति के सम्मान की लडाई का प्रतीक बना ऑपरेशन
- सेना के जवाबी हमले ने साबित किया – “भारत अब पुराना भारत नहीं”
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट संदेश
वैश्विक मंचों पर भारत की स्थिति को स्पष्ट करते हुए पीएम मोदी ने कहा:
- पाकिस्तान से बातचीत सिर्फ आतंकवाद और POK पर होगी
- कश्मीर मुद्दे पर कोई तीसरा पक्ष नहीं होगा शामिल
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश को अप्रत्यक्ष झटका
विश्लेषकों की राय: भारत की नई रणनीति
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पीएम मोदी के इस संबोधन से भारत की नई सैन्य-राजनीतिक रणनीति स्पष्ट होती है:
- प्री-एम्प्टिव स्ट्राइक – पहले हमला करने की नीति
- जीरो टॉलरेंस – आतंकवाद के प्रति सख्त रुख
- डिप्लोमेसी ऑफ स्ट्रेंथ – शक्ति के साथ कूटनीति
निष्कर्ष: नए भारत का आत्मविश्वास
पीएम मोदी के इस ऐतिहासिक संबोधन ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा। ऑपरेशन सिंदूर ने जहां भारतीय सेना की क्षमता का परिचय दिया है, वहीं पीएम का यह संबोधन देश की राजनीतिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है। आज का भारत न केवल आतंकी घटनाओं का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है, बल्कि वह वैश्विक दबावों से प्रभावित हुए बिना अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में भी पूरी तरह सक्षम है।